विवरण:
तकनिकी सामग्री : स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस (1 एक्स 108 कोशिकाएँ /ml )
सन बायो मोनस एक प्रभावी माइक्रोबियल संस्कृति है जो पौधे प्रणाली में प्रवेश करती है और रोगों के खिलाफ एक प्रणालीगत जैव नियंत्रण एजेंट के रूप में कार्य करती है। इसकी एक मजबूत ऑक्सीडेंट शक्ति है जो पर्यावरण प्रदूषकों को तोड़ने में मदद करती है और पौधे के विकास के लिए उपयोगी एंजाइम और ऑक्सीजन प्रदान करती है।स्यूडोमोनास प्रफ्लोरेसेंस विभिन्न फसलों में ब्लाइट, कॉलर रोट, रूट रोट, विल्ट, लीफ स्पॉट, एन्थ्रेक्नोज, अल्टरनेरिया, डाउनी और पाउडर फफूंदी आदि रोगों के प्रबंधन के लिए एक प्रभावी जैव फफूँदिनाशक है।
लाभ:
आवेदन की खुराक और विधि
बीज/प्लैन्टिंग सामग्री उपचार (प्रति किलो):
10ml सन बायो मोनस को ठंडे गुड़ के घोल में मिलाकर बीज की सतह पर समान रूप से लगाएं। उपचारित बीज को बुवाई से पहले छाया में सुखाएं और उसी दिन उपयोग करें।
छोटे पौधों का उपचार:
रोपाई से पहले 5-10 मिनट के लिए पौधों को बेहतर जड़ विकास के लिए 10 ml सन बायो मोनस को 1 लीटर पानी मे मिलाएँ और इस घोल मे पौधों को डुबा कर रखें।
मृदा अनुप्रयोग (प्रति एकड़):
1 लीटर सन बायो मोनस को, 50-100 किलोग्राम तैयार खाद या केक के साथ मिलाएं। एक एकड़ भूमि पर समान रूप से लागू करें। आवेदन से पहले मिट्टी में पर्याप्त नमी सुनिश्चित करें।
ड्राइनचिंग:
सन बायो मोनोस के 5-10 मिलीलीटर को 1 लीटर पानी में मिलाकर जड़ क्षेत्र के पास छिड़काव करें।
फेस्टिगेशन (प्रति एकड़):
पानी में 1-2 लीटर सन बायो मोनोस का मिश्रण करें और ड्रिप प्रणाली के माध्यम से जड़ क्षेत्र में लागू करें।
छिड़काव:
5 ml सन बायो मोनोस को एक लीटर पानी में मिलाकर सुबह या देर शाम को स्प्रे करें
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