नोट बैन के बावजूद रबी फसलों की बुवाई 27% बढ़ी
रोपण जारी रहने की उम्मीद है, मौसम अनुकूल रहने और विभिन्न फसलों के लिए समर्थन मूल्य आकर्षक होने के साथ ।
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार तक 415.53 लाख हेक्टेयर में शीतकालीन फसलें लगाई गईं, जबकि एक सप्ताह पहले 327.62 लाख हेक्टेयर में फसलें लगाई गई थीं। एक साल पहले इसका रकबा 382.84 लाख हेक्टेयर था। इस साल सरकार का लक्ष्य 638.37 लाख हेक्टेयर में रबी की फसल लगाने का है।
दलहन, तिलहन और गेहूं के नीचे का क्षेत्र एक साल पहले से बढ़ गया था, कि मोटे अनाज और चावल के साथ गिर गया ।
देश के ९१ प्रमुख जलाशयों की निगरानी करने वाले केंद्रीय जल आयोग के अनुसार प्रमुख जलाशयों में जल स्तर भी पिछले साल की तुलना में अधिक था । जलाशयों में १०२,८४१,०,० घन मीटर पानी था, जो पिछले साल इसी समय की तुलना में 26% अधिक है, जो शीतकालीन फसलों के लिए बेहतर उपलब्धता का सुझाव देता है । हालांकि यह स्तर 10 साल के औसत से 2% कम था।
मंत्रालय ने कहा, उत्तर प्रदेश और गुजरात में गेहूं की रोपाई गिरी है, लेकिन राजस्थान और बिहार में बढ़ गई ।
चना (चना), मसूर (मसूर) और खेत मटर (लोबिया) दालों में रोपाई में काफी हद तक वृद्धि हुई, जबकि कुल्थी में उड़द बीन और मूंग बीन गिर गई । कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और हरियाणा में दालों के क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई है।
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