फॉल आर्मी वर्म (सैनिक कीट ) का समन्वित नियंत्रण

जिसे हिंदी में सैनिक कीट के नाम से जानते हैं,अभी हाल ही में यह कीट मक्का में अत्यधिक नुकसान पहुँचा रहा हैंl

 सैनिक कीट की पहचानजीवन चक्र व क्षति –

 इसके जीवन चक्र में चार अवस्थाएँ होती हैं-

  1. अंडा
  2. लार्वा- लट
  3. प्यूपा- कोष
  4. एडल्ट - इसे मॉथ और पतंगा के नाम से भी जाना जाता हैl

  1. अंडा-

पतंगा एक बार में 50-200 अंडे खरपतवार व घास की ऊपर की सतह पर समूह के रूप मे देता हैं जो हल्के हरे व सफ़ेद रंग के होते हैं l

  1. लार्वा (लट)

    यह फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाने वाली अवस्था है, जिसे साधारण भाषा में लट के नाम से जानते हैं, इसका रंग शुरुआत मे हरा व बाद मे भूरा होता हैं, इसके अग्र भाग पर उल्टा Y व पीछे के भाग पर चार काले रंग के धब्बे होते हैं l यह दिन के समय मृदा में रहती हैं और रात्रि के समय मृदा की ऊपरी सतह पर आकर फसल को नुकसान पहुँचाती हैं l

यह सबसे पहले पत्ती को बीच में से खाकर छिद्र कर देती हैं, उसके बाद धीरे- धीरे तने का रस चूसकर उसे खाकर खोखला कर देती हैं, इस तरह पूर्ण पौधे को एवं फसल को बहुत शीघ्र ही नष्ट कर देती हैं l

  1. कोष

जो मृदा में 2-8 सेंटीमीटर की गहराई में सुषुप्ता अवस्था में पाई जाती हैं, इसकी यह अवस्था नुकसान नहीं पहुँचाती हैं l

  1. पतंगा

यह अत्यधिक गतिशील होती हैं जो एक रात्रि में 100 किलोमीटर तक भ्रमण कर सकता है, यह अवस्था भी फसल के लिए नुकसान दायक नहीं होती हैं l

सैनिक कीट का नियंत्रण

हम इसका नियंत्रण जैविक और रासायनिक दोनों पद्धति द्वारा कर सकते हैं l अगर प्रकोप पहली या दूसरी अवस्था में हैं, तो जैविक नियंत्रण कारगर रहता हैं l

 1.रासायनिक नियंत्रण -

रासायनिक नियंत्रण में एमामेक्टिन बेंजोएटकोराजनएमप्लिगो अथवा फेम जैसी दवा का छिड़काव कर सकते हैं l

  1. जैविक नियंत्रण

सैनिक कीट का जैविक नियंत्रण बेसिलस थुरीजेंसिस के द्वारा का सकते हैं, इसमें डेल्फिन (बेसिलस थुरजेन्सिस) 1 ग्राम / लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव कर सकते हैं, और ब्रॉडकास्टिंग भी कर सकते हैं l

 ज़हर पाश (बेयट मिक्सचर )-

यह ज़हर का मिक्सचर होता हैं इसमें ज़हर : धान का भूसा : गुड़ 1:10:1 के मिश्रण में बनाकर शाम के समय पौधों के नज़दीक डालने से गुड़ की मिठास की गंध से कीट आकर आकर्षित होते हैं, और खाकर मर जाते हैं l

ज़हर पाश बनाने के लिए ज़हर जैविक और अजैविक दोनों उपयोग में ला सकते हैं -

जैविक पाश - डेल्फिन (बेसिलस थुरजेन्सिस)

रासायनिक पाश - स्टमक पाइजन (मोनोक्रोटोफॉसमेलाथिऑन अथवा लार्वीन )

  1. पेरा फेरामोन ट्रैप( जाल )-

यह एक प्रकार का कीट जाल है, इसमें मादा कीट का ल्यूर लगा होता हैं, जो नर कीट को अपनी और आकर्षित करता हैं, इसके द्वारा नर कीट को मारा जा सकता हैं l

एक (1) हेक्टेयर मे 10 जाल समान दुरी पर लगाना चाहिए, इससे यह लाभ मिलता हैं की अब शेष बची हुए मादा कीट बिना निषेचन के अनिषेचित अंडे देगी, जिससे अंडे लट में नहीं बदल पाएँगे l

इस प्रकार से हम सैनिक कीट का उचित समन्वित किट नियंत्रण कर सकते हैं l

 

मीनल पातनि

विषय विशेषज्ञ
बिगहाट
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