क्यों पौधों को पौधशाला में उगाया जाना चाहिए ?
Posted by Minal Patni on
क्यों पौधों को पौधशाला में उगाया जाना चाहिए ?
जिन फसलों के बीज छोटे आकार के होते है, और अंकुरण और बढ़वार के दौरान पर्यावरण के अनुकूल नहीं हो पाते है, उन फसलों के बीजो को पौधशाला में तैयार करने की आवश्यकता होती है, जैसे की मिर्च, टमाटर, बैंगन, पपीता आदि |
इन फसलों के छोटे पौधे कीट के साथ ही बीमारियों से भी शीघ्र ग्रसित हो जाते है, इस समय विषाणु तीव्रता से फैलता है | इन फसलों में विभिन्न प्रकार के विषाणुओ का संक्रमण देखने को मिलता है, जैसे मोज़ेक वायरस, टोस्पो वायरस, लीफ कर्ल वायरस, जिसे जेमिनी वायरस भी कहते है, इसे हिंदी में पर्ण कुंचन विषाणु के नाम से जानते है, और आम भाषा में किसान भाई इसे माथा बधना भी बोलते है |
विषाणु पौधे की एक निश्चित अवस्था मे एक पौधे से दूसरे पौधे में फैलता है, 25 दिन की अवस्था में विषाणु अपना प्रभाव फैलाने लग जाते है, इनके लक्षण बाद की अवस्था मे देखने को मिलते है |
पौधे में विषाणु जनित रोग फैलाने वाले वाहक रस चूसक किट होते है, जिनकी श्रेणी में सफ़ेद मक्खी, थ्रिप्स, माहू, चेपा और हॉपर ( फुदका) आदि आते है | यह कीट पौधे का रस ग्रहण करने के साथ साथ ही एक पौधे से दूसरे पौधे मे विषाणु को फैलाने का कार्य भी करते है, इस तरह पूर्ण पौधे को संक्रमित कर देते है |
विषाणु जनित बीमारी को अंतिम अवस्था में नियंत्रण करना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन होता है, इसीलिए किसान भाइयो को पहले ही बचाव के उपाय अपना लेना चाहिए |
इसके बचाव के लिए पौध हमे संरक्षित पौध शाला ( पॉलीहाउस, नेट हाउस ) में तैयार करना चाहिए, जहाँ विषाणु वाहक जैसे सफ़ेद मक्खी, चेपा माहू फुदका का प्रकोप ना हो |
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MINAL PATNI
Subject Matter Expert, BigHaat.
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6 comments
Numsty mem sahi hai
Numsty mem sahi hai
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Nice blog
Dear Sir,
Thank you for the comments, kindly do visit the knowledge section for latest updates