कद्दू वर्गीय फसलों में फल सड़न रोग का प्रबंधन करें
Posted by Manjula G S on
कद्दू की फसलें महत्वपूर्ण वनस्पति फसलें हैं जो कद्दू वर्गीय परिवार की हैं | इन फसलों को ग्रीष्म और वर्षा ऋतु की फसल माना जाता है लेकिन अब आजकल कई किसानों ने उच्च बाजार मूल्य (मार्च और अप्रैल) प्राप्त करने के लिए जल्दी उगाने को प्राथमिकता देते हैं। ये कद्दू वर्गीय फसलें अपने जीवन चक्र में कई बीमारियों का सामना करती हैं।
फलों की सड़न कद्दू वर्गीय फसलों में होने वाली एक महत्वपूर्ण बीमारी है जिसके कारण होता है फाइटोफ्थोरा कैप्सिका (फाइटोफ्थोरा फ्रूट रॉट) और स्क्लेरोटिनिया स्क्लेरोटोरियम (स्क्लेरोटिनिया फ्रूट रोट)।आमतौर पर फलों की सड़न मिट्टी के संपर्क से आती है और फल पर एक संक्रमित पत्ती के गिरने से भी होती है।
प्रमुख कारण:
- कद्दूवर्गीय फसलों में सड़ने की घटना तब अधिक होती है, जब उच्च आर्द्रता, नमी और तापमान 25-30 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है, फल सड़न कवक के प्रसार के लिए सबसे अनुकूल होता है।
2. यह तब भी फ़ैल जाएगा जब हम उन उपकरणों का उपयोग करते हैं जिनका उपयोग संक्रमित फसल काटने के लिए किया जाता है |
फायटोप्थेरा फल सड़न के लक्षण:-
यह फल पर दबा हुआ और पानी से भीगे हुऐ धब्बे के रूप में शुरू होता है, और सबसे अधिक फल के नीचे जो मिट्टी के संपर्क में होते हैं, उस स्थान पर होता हैं l
स्क्लेरोटिनिया फल सड़न के लक्षण:-
कद्दु वर्गीय फलों पर सफ़ेद माइसिली कवक की वृद्धि l जब फल अधिक नमी वाली मिट्टी पर होते हैं, सफेद माइसिली कवक फलों को पूर्ण रूप से ढक देती हैं, और फल पूरी तरह सड़ जाते हैं ।अंत में,स्केलेरोटिया फलों को पूर्ण रूप से छोटे से बड़े, अण्डाकार, वृत्ताकार और अनियमित आकार के साथ ढक देता हैं l
प्रबंधन -
- नॉन होस्ट फसल को फसल चक्र में शामिल करें l
- मिट्टी की नमी को प्रबंधित करने के लिए अच्छी तरह से सूखे खेतों का चयन करे,ढलान भूमि से बचे,ट्रेल्लिस का उपयोग एवं अधिक सिंचाई से बचे l
- स्वच्छ उपकरणों का इस्तेमाल करे l
रासायनिक नियंत्रण:
रासायनिक नाम |
व्यापार नाम |
प्रति लीटर खुराक |
एज़ोक्सिस्ट्रोबिन + डिफेनोकोनाज़ोल |
0.5 मिलि लिटर |
|
डायमिथोमोर्फ 50% WP |
1 ग्राम |
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हेक्साकोनाजोल 50% + कॅप्टन 70% (75% WP) |
2 ग्राम |
|
क्लोरोथालोनिल |
2 ग्राम |
|
टेबुकोनाज़ोले 250 EC (25.9% w/w) |
1-1.5 मिलि लिटर |
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इप्रोवालिकार्ब + प्रोपिनेब 6675 WP (5.5% +61.25% w/w) |
2.5-3 ग्राम |
|
मेटलैक्सिल 8% + मैनकोज़ब 64%। (72% WP) |
1.5-2 ग्राम |
|
मेटलैक्सिल 35% WS |
0.5-0.75 ग्राम |
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सीमोक्सानिल 8% +मैन्कोज़ेब 64% |
1.5-2 ग्राम |
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क्लोरोथालोनिल + 37.5 ग्राम / एल + मेटलएक्सिल -M |
1.5-2 ग्राम
|
जैविक नियंत्रण:
क्रम संख्या |
व्यापार नाम |
नाम |
1 |
ट्राइकोडर्मा |
एल्डर्म @ 2-3 मिलि लिटर /लिटर या संजीवनी @ 20 ग्राम / लीटर या ट्रीट बायो-फंगसाइड @ 20 ग्रा / लीटर या मल्टीप्लेक्स निसार्गा @ 1 मिलि लिटर /लिटर |
2 |
स्यूडोमोनास |
बायो-जोडी @ 20 ग्राम / लीटर या बैक्टविप @ 1 मिलि लिटर /लिटर या ईकोमोनस 20 ग्राम / ली या स्पॉट @ 1 मिलि लिटर /लिटर या अलमोनास @ 2-3 मिलि लिटर /लिटर |
3 |
ग्लोमस |
मायकोज़ूट्स @ 0.5 ग्राम / ली |
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SUJATA RAI
Jr. Agronomist
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